भारत पर एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण :- भारत की आज़ादी की पत्रिका के अनुसार भारत पर ३ नवेंबर २०१० से सूर्य मे राहु की दशा प्रारंभ हुई हे जो देश की राजनीति मे अस्थिरता पैदा करने का संकेत देती हे | साल के अंत तक केंद्रीय राजनीति तथा कई राज्यो की राजनीति मे काफ़ी उठा पटक तथा परिवर्तन की सूचक हे | इस दौरान कई तरह के आर्थिक घोटाले, प्राकृतिक दुर्घटनाए और रेल / हवाई दुर्घटना भी होने की संभावना हे | जब से सूर्य मे राहु की दशा प्रारंभ हुई हे, एक से एक बड़े घोटाले सामने आ रहे हे | और ऐसा लगता हे की शायद ही राजनीति का कोई हिस्सा इन घोटालो की चपेट मेी आने से बच पाए | देश के इतिहास मे ऐसा पहली बार हुआ हे की देश के प्रधान मंत्री जैसे व्यक्तित्व पर भी टीका ० टिप्पणिया होनी शुरू हो गयी हे | देश के सर्वॉच न्यायालय को भी इस पर टिप्पणी करनी पड़ी . यह तो सिर्फ़ राहु की एक झलक हे, अभी यू कहे राहु ने तो बस अपना चेहरा दिखाया हे , अभी तो पूरी फिल्म बाकी हे| आगे आगे देखिए राहु वो दिखाएगा जो आपने सोचा भी नही होगा |…. हम sensex के २१,००० के उपर जाने पर खुशियाँ मानने लग गये | देश ने बहुत आर्थिक प्रगती कर ली, किंतु राहु ने बता दिया की यह आर्थिक प्रगति कितने घोटालो के नीव पर रखी गयी हे. बेंको के शेयर आसमान पर चले गये थे | यह मजबूती भी खोखली थी ! इसी को कहते हे राहु – unpredictable .. . . . . ???????????? – ASTRO RAJEEV PRAKASH AGARWAL (http://www.astrodunia.com) 21st November 2010 ( 08.05 PM )
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